महकती सी जिंदगी की किताब पर……….
गुनगुनाते सुरों के इस साज़ पर ……..
एक गीत गा रही है जिंदगी !
कुछ खास सुना रही है जिंदगी !
सुबह का सूरज यहाँ पर चढ़ रहा !
चाँद की रौशनी को मद्धम कर रहा !
रात अपने आप को समेट कर !
सुबह के स्वागत मै जेसे लग रहा !
किसी के मिलन की बेला आ रही !
किसी को विरह जेसे बुला रही !
एक क्षण जिंदगी जेसे हंसा रही !
एक क्षण जिंदगी जेसे रुला रही !
रोज़ फूल कर रही श्रृंगार है !
रोज़ धुल उसको नहला रहा !
रोज़ पतंगे दीप पे हैं मिट रहे !
एक मीत पे असंख्य मीत मिट रहे !
धर रही है उम्र कामना का शरीर !
टूट रही है किसी के सांसो की लड़ी !
एक घर बसा रही है जिंदगी !
एक घर मिटा रही है जिंदगी !
खुश है अगर जिंदगी योवन लिए हुए !
रो रहा है बुडापा सांसो को समेटे हुए !
एक पल जेसे सुला रही है जिंदगी !
एक पल जेसे हंसा रही है जिंदगी !
जा रही बहार एक सवेरा लिए हुए !
आ रही है रात जलती शमा लिए हुए!
एक बार जो लेके आती है जिंदगी !
दुसरे पल देके भी तो जाती है जिंदगी !
पुरालेख | नवम्बर 2010
दबंग दरोगा’ पर चली गांव वालों की दबंगई, पड़े लात-घूंसे
बाढड़ा (भिवानी). हडौदी गांव में चोरी के एक आरोपी के बारे में पूछताछ करने आए राजस्थान पुलिस के एक एसएचओ और एक पुलिस कर्मचारी को गांववालों ने जमकर पीटा और उन्हें काफी देर तक बंधक बनाए रखा। रात को मामला डीएसपी दादरी के पास पहुंचा तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को भेजकर दोनों को छुड़वाया। पुलिसवालों की पिटाई के केस में बाढड़ा पुलिस ने गांव के दो युवकों को नामजद करते हुए अन्य कई लोगों पर केस दर्ज किया है।
डीसीपी ने करवाया मुक्त
गांव से भागे सभी पुलिसकर्मी बाढड़ा थाने पहुंचे और मामले की जानकारी दी। बाढड़ा के एसएचओ अनिल ने इसकी सूचना दादरी के डीएसपी सुरेश को दी तथा दोनों एक साथ हड़ौदी पहुंचे। डीएसपी सुरेश ने मौके पर पहुंचकर राजस्थान के पुलिस एसएचओं रामगोपाल और पुलिसकर्मी राजकुमार को छुड़वाया तथा ग्रामीणों की बात सुनी। डीएसपी ने एसएचओ और पुलिसकर्मी को दादरी के सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया और सुबह दोनों इलाज के बाद सीकर रवाना हो गए।
कनपटी पर लगाया था पिस्तौल
इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि राजस्थान पुलिस के कर्मचारी बिना वर्दी के थे और उन्होंने आते ही शोभा की कनपटी पर पिस्तौल लगा दिया। इसका खेत के पड़ोसियों ने इसका विरोध किया। इस पर उन लोगों ने हवाई फायर किए और भागने लगे। उधर, राजस्थान के एसएचओ रामगोपाल ने बाढड़ा पुलिस को बताया कि उन्होंने कोई फायर नहीं किया और वे तो पूछताछ के लिए गए थे।
शुक्रवार को इस मामले को लेकर हड़ौदी के ग्रामीण बाढड़ा थाना प्रभारी अनिल और भिवानी के एसपी से मिले। दोनों से मिलकर गांववालों ने राजस्थान पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों को झूठा बताया। बाढड़ा पुलिस ने राजस्थान पुलिस टीम की शिकायत पर हड़ौदी निवासी शोभा पहलवान और अनिल पहलवान समेत एक दर्जन अन्य युवकों पर अपहरण कर जानलेवा हमला करने और पुलिस के काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है। मामले में अभी तक किसी भी युवक की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
खोजो नई राहें
मुझसे ही मंजिल का
पता क्यु पूछते हैं सब ?
एसा करके बदनाम……………
मुझे कर देते हैं सब !
मै तो कोई मंजिल नहीं
जो दूर तलख जाउंगी !
राह मै छोड़ कर फिर ………
दूर निकल जाउंगी !
मेरी मंजिल के तो
और भी कई राही हैं !
तुम्हें तन्हा फिर ………….
कहाँ तलख ले जाउंगी !
मुझसे यु न लिपटो
कबसे ये दोहराती हु !
मेरा तो आस्तित्व है वो
कहाँ छोड़ पाती हु !
मेरी आगोश मै बस
आह …… के सिवा कुच्छ भी नहीं !
तुम्हारी कोई नहीं मै ………….
बस ये जरा ख्याल करो !
और आज ही से …………………
नई मंजिल की राह तलाश करो !
west u.p.me highcourt bench
पिछले दो-तीन दशक से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाइकोर्ट बैंच के लिए आन्दोलन चला आ रहा है और आश्चर्य की बात यह है कि हर सरकार खुद को जन-हितकारी होने का दावा करती है और जनहित किसमे है इस पर गौर नहीं करती है.यदि हम सीधे सीधे ही इस मुद्दे पर ध्यान देते हैं तो यह केवल वकीलों के फायदे का मुद्दा दीखता है क्योंकि वकीलों का इसमें आर्थिक फायदा दीखता है किन्तु यदि मामले की तह में जाते हैं तो यह जनता के हित में ज्यादा होगा कि हाई कोर्ट की बेंच उनके समीप हो क्योंकि वकील तो फिर भी अपने आने जाने का खर्चा अपनी फीस में जोड़कर अपने मुवक्किल से ले लेंगे किन्तु जनता पर इसके कारण जो आर्थिक दबाव पड़ता है उसकी भरपाई कहीं नहीं हो सकती.साथ ही यह भी देखने में आया है की कुछ वकील भी मुवक्किल के दूर होने का फायदा उठाते हैं और दूर होने के कारण उससे खर्चे के नाम पर गलत पैसे मांगते हैं.ऐसे में कानून मंत्री वीरप्पा मोइली का यह कहना कि वेस्ट में बेंच का कोई प्रस्ताव नहीं वकीलों से ज्यादा जनता को बुरा लगना चाहिए क्योंकि वकीलों का इसमें केवल कुछ आर्थिक फायदा है जबकि जनता कि ज़िन्दगी इससे जुडी है इस आन्दोलन कि सफलता में बाधा ही यह है कि इससे आज तक जनता को जोड़ा ही नहीं गया जबकि यह आन्दोलन जनता के न्याय हित में ही है और यह भी सच है कि जनता के सहयोग के बिना यह सफल भी नहीं हो सकेगा.
मुक्तिका: सच्चा नेह —संजीव ‘सलिल’
मुक्तिका:
सच्चा नेह
संजीव ‘सलिल’
*
तुमने मुझसे सच्चा नेह लगाया था.
पीट ढिंढोरा जग को व्यर्थ बताया था..
मेरे शक-विश्वास न तुमको ज्ञात तनिक.
सत-शिव-सुंदर नहीं पिघलने पाया था..
पूजा क्यों केवल निज हित का हेतु बनी?
तुझको भरमाता तेरा ही साया था..
चाँद दिखा आकर्षित तुझको किया तभी
गीत चाँदनी का तूने रच-गाया था..
माँगा हिन्दी का, पाया अंग्रेजी का
फूल तभी तो पैरों तले दबाया था..
प्रीत अमिय संदेह ज़हर है सच मानो.
इसे हृदय में उसको कंठ बसाया था..
जूठा-मैला किया तुम्हींने, निर्मल था
व्यथा-कथा को नहीं ‘सलिल’ ने गाया था..
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मुकेश अंबानी के ‘शाही महल’ का बिजली बिल 70 लाख !
मुंबई. दुनिया के सबसे धनी भारतीयों में से एक मुकेश अंबानी के एंटिलिया इमारत का पहले महीने का बिल 70,69488 रुपये आया है। वे अपने परिवार और मां के साथ पिछले महीने ही इस आलिशान इमारत में रहने गये हैं। 27 मंजिला एंटिलिया में सितंबर महीने में 6,37,240 यूनिट बिजली इस्तेमाल की। बताया जा रहा है कि मुकेश अंबानी ने समय से बिजली बिल का भुक्तान किया, जिसकी वजह से बेस्ट ने उन्हें बिजली बिल में करीब 48,354 रुपये की छूट दी।
फिर विवादों में घिरा अंबानी का ‘शाही महल’
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी का 27 मंजिला ‘शाही महल’ एंटिलिया फिर विवादों के घेरे में है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कथित रूप से एंटिलिया का निर्माण वक्फ बोर्ड की जमीन पर किये जाने की शिकायत को संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार को इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के सदस्य एवं वकील अहमद खान पठान का कहना है कि उन्होंने मई 2008 को अल्पसंख्यक मामलों के तात्कालीन केंद्रीय मंत्री ए.आर. अंतुले के पास एक लिखित आरोप शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि एंटिलिया का निर्माण वक्फ बोर्ड की 4,532 वर्ग मीटर जमीन का अवैध ढंग से अधिग्रहण कर किया जा रहा है। पठान का आरोप है कि महाराष्ट्र राज्य वक्त बोर्ड ने इस जमीन को 2003 में महज 210.50 मिलियन रुपये में एंटिलिया कमर्शियल को बेच डाला, जबकि इस की उस वक्त खुले बाजार में कीमत 5 हजार मिलियन से कम नहीं थी।
उन्होंने बताया कि आदर्श आवास घोटाले का मामला सामने आने के बाद सीवीसी ने 2008 में की गई उनकी शिकायत को संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार को इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से पठान के उस दावे को सिरे से खारिज किया गया है। जिसमें उन्होंने अंबानी का ‘शाही महल’ वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने होने का दावा किया है। रिलायंस ने कहा है कि इस जमीन को खरीदते वक्त उसे मालिक को ठिक मुआवजा दिया गया है। और एंटिलिया का निर्माण महाराष्ट्र राज्य वक्त बोर्ड की जमीन पर नहीं हुआ है।
आलीशान 27 मंजिला एंटिलिया दक्षिण मुंबई के पॉश कुलाबा इलाके के अल्टामॉन्ट रोड पर स्थित है। बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी के इस ‘शाही महल’ की ऊंचाई करीब 550 फीट है। इसके सबसे ऊपरी मंजिल पर तीन हैलीपैड हैं। इसकी पहली छह मंजिलों में सिर्फ पार्किग की सुविधा है। जिसमें करीब 168 कारें पार्क की जा सकती हैं। इस गगनचुंबी बिल्डिंग में स्वीमिंग पूल, हेल्थ क्लब, सैलून, 50 सीटों वाला एक मिनि थिएटर और 9 लिफ्ट हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले एंटिलिया के खिलाफ बेस्ट समिति के सदस्य सुहास सामंत ने आवाज उठाई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मुकेश अंबानी ने इस गगनचुंबी इमारत के चारों ओर सुरक्षा के मद्देनजर 50 फुट ऊंची बाउंड्री वॉल बिना किसी अथॉरिटी की अनुमति के बनाया है।
sakaratmak soch
उत्तर प्रदेश की शामली तहसील के लांक गाँव में हुई कल की पंचायत में युवा पीढ़ी को भटकने से रोकने के लिए लड़कियों को मोबाईल फोन प्रयोग न करने की सलाह दी जाने पर भाकियू सुप्रीमो चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र राकेश टिकेत ने सकारात्मक व् समयोचित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ”समाज प्रगति कर रहा है; ऐसे में लड़कियों को मोबाईल या अन्य आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल से रोकना गलत है .यह परिवार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को समझाए .” वास्तव में सभी आधुनिक उपकरण हमारे ज्ञानवर्धन ; मनोरंजन के साधन है पर ये हमें नैतिकता से दूर ले जाये ;हमे हमारे लक्ष्यों से भटका दे ; यह सही नहीं है. मै तो सभी माता-पिताओं से यही अपील करुँगी कि बच्चो को ऐसे गैजेट्स दिलवाते समय उचित प्रयोग की सलाह दे और समय-समय पर उनके आचरण पर भी ध्यान देते रहे.नौकरीपेशा व् उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले युवक-युवतियों को तो खुद इनका इस्तेमाल उचित रूप में करना चाहिए. अन्यथा कुछ भटके हुए युवक-युवतियों के कारनामों के कारण सभी पर मोबाईल सहित अन्य आधुनिक उपकरणों के उपयोग पर पंचायत रोक लगा दे तो दोष केवल पंचायत क़ा कहना नाजायज होगा .
जय हिंद !
दूरदर्शन की दुनिया
अजब –गजब हो गई है
दूरदर्शन की दुनिया भी !
जो देखो………… अपने आप को
भुनाने मै लगी हुई है !
कभी राखी का इंसाफ है तो ,
कभी बिग बॉस की आवाज़ बनी हुई है !
ये बाजारवाद तो परम्पराओ को ,
विकृत रूप देने मै लगी हुई है !
और देखो न ये तो युवावर्ग मै
रोज़गार का गन्दा रूप भरने मै लगी हुई है !
और कहती है………. वो परिवार को ,
बस जोड़ने मै लगी हुई है ?
ये तो वास्तव मै वास्तविकता का ,
मजाक उड़ाने मै लगी हुई है ?
हर पूंजीवाद अपनी पूंजी के प्रवाह से,
हर एक मासूम को जाल मै फ़साने मै लगी हुई है ?
न जाने ये कब तक अपना जाल बिछाएगी !
युवावर्ग के हृदये मै प्रहार करती जाएगी !
उनकी इस अदा मै न जाने क्या नशा है !
हर घर का बन्दा उसमे ही खो गया है !
उनकी तो आमदनी का काम आसां बन गया है !
यहाँ सबके घर का माहोल बिगड़ सा गया है !
वरिष्ठ साहित्यकार श्री ओम पुरोहित ‘कागद’ जी रो राजस्थान रै सांसदा नै कागद
घणां मानीता अनै आदरजोग सांसद सा ,
जय राजस्थानी-जय राजस्थान !
आप सूं अरज़ है कै आप मानजोग प्रधानमंत्री जी अर गुहमंत्री जी सूं मिल परा बेगै सूं बेगो राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू संविधान संषोधन विधेयक ल्यावण री ताकीद करो सा !
राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळीज्यां आपरो जस सवायो अनै ऊजळो होसी सा !
आपरो इज हेताळु
ओम पुरोहित”कागद”
२४-दुर्गा कोलोनी
हनुमानगढ़ संगम-३३५५१२
मोबाइल-०९४१४३८०५७१
मत कहो अनाथ
क्यु कहते हैं कुच्छ
लोग खुद को अनाथ
क्या उनके माँ बाबा के ……….
संस्कार उनके साथ नहीं ?
अनाथ तो शायद वो होते हैं
जिनके माँ – बाप तो हैं पर………….
उनके दिल मै उनके लिए
कोई स्थान नहीं
उनके पास सब कुच्छ है
पर उसकी कदर नहीं
अनाथो की तरह रहते हैं
और दर्द उनको देते हैं
केसी चाह है ये इन्सान की ?
जिसके पास माँ बाप नहीं ………..
वो उन्हें पाना चाहता है
और जिसके पास दोनों हैं
वो उसकी कीमत ही नहीं जानता ?
काश वो इस दर्द को
कभी समझ पाता …………..
और माँ पाप का एहसान चुका पाता
वक़्त ही तो है
गुजरने मै कितना
समय लेगा ?
फिर उस दर्द की भरपाई
कोंन करेगा ?