शत आचार्य समान है, श्याम’ पिता का मान |
नित प्रति वंदन कीजिये, मिले धर्म संज्ञान ||
विद्या दे और जन्म दे , औ संस्कार कराय |
अन्न देय, निर्भर करे, पांच पिता कहालायं ||
नित प्रति वंदन कीजिये, मिले धर्म संज्ञान ||
अन्न देय, निर्भर करे, पांच पिता कहालायं ||