अभिलेख

पित्र दिवस पर डा श्याम गुप्त के दो दोहे….


शत आचार्य समान है, श्याम’ पिता का मान |

नित प्रति वंदन कीजिये, मिले धर्म संज्ञान ||


विद्या दे और जन्म दे , औ संस्कार कराय |

अन्न देय, निर्भर करे, पांच पिता कहालायं ||