अभिलेख

मंदिर और मस्जिद के नाम पर लड़ बैठे

शाम होते ही गाँव के मंदिर की घंटी बंजने लगी तभी उसके समीप मस्जिद मे मगरिब की अजान होने लगी! अजान की आवाज़ मंदिर की घंटी से दबने लगी ! अगले ही दिन सुबह मुल्लाजी ने अपने ख़ास लोगों से चर्चा करके एक लाउड स्पीकर लगवा दिया ,अगले दिन मंदिर की घंटियों की आवाज़ से दबने लगी तो मंदिर मे भी लाउड स्पीकर लग गया!अब दोनों आवों मे गडमड होने लगी !!अब न मंदिर की आवाज़ आ रही थी न ही मस्जिद की !!!

सिर्फ बातावरण मे एक सर व्याप्त था !!

बुश पर फेंके गए जूते का DNA टेस्ट, लश्कर से संबंध?

इराक में अमेरिकी प्रेजिडंट जॉर्ज बुश पर जूते फेंकने वाले पत्रकार को लेकर पाकिस्तान में एसएमएस और ई – मेल के जरिए चुटकुले भेजे जा रहे हैं। इन चुटकुलों में कहा जा रहा है कि जो जूते बुश पर फेंके गए , वे पाकिस्तान से ही इराक भेजे गए थे। चुटकुले में जूते के चमड़े को लेकर भी मजाक किया गया है , जिसमें कहा गया है कि चमड़े के ‘ डीएनए टेस्ट ‘ से पता चला है कि इसका संबंध लश्कर से है। पाकिस्तान में इन दिनों सबसे अधिक प्रचलित इस चुटकुले में कहा गया है कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने बुश पर जूता फेंकने वाले पत्रकार का संबंध पाकिस्तान और जमात – उद – दावा से जोड़ा है।

देखें : बुश पर ऐसे साधा इराकी पत्रकार ने जूतों से निशाना चुटकुले के मुताबिक , इराकी पत्रकार मुंतजिर अली जैदी साल की शुरुआत में पाकिस्तान आए थे और सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री अरबाब गुलाम रहीम तथा पूर्व संसदीय मंत्री शेर अफगान नियाजी पर जूते फेंकने की घटना से प्रभावित हुए थे। गौरतलब है कि रहीम और नियाजी दोनों ही पाकिस्तान के पूर्व प्रेजिडंट परवेज मुशर्रफ के कट्टर समर्थक माने जाते रहे। सिंध विधानसभा में रहीम का जूतों से स्वागत किया गया था , जबकि नियाजी की गत अप्रैल में लाहौर हाई कोर्ट के बाहर वकीलों के एक ग्रुप ने पिटाई की थी। चुटकुले में कहा गया है कि इराकी पत्रकार को जूते फेंकने की ट्रेनिंग आंतकवादी संगठन लश्कर – ए – तैयबा और जमात – उद – दावा ने दिया था। चुटकुले में जूते के चमड़े को लेकर भी मजाक किया गया है , जिसमें कहा गया है कि चमड़े के ‘ डीएनए टेस्ट ‘ से पता चला है कि इसका संबंध लश्कर से है। चुटकुले में कहा गया है कि बुश पर जो जूता फेंका गया , उसे इराक भेजने में पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आईएसआई का भी हाथ हो सकता है। चुटकुले के मुताबिक , इस घटना के बाद ही पाकिस्तानी प्रेजिडंट आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने देश में आतंकवादी संगठनों पर बैन लगाने का निर्णय लिया है।

अब वहां चमन नही श्मशान था.

वो भी था एक आम तूफान की तरह,
वो भी तो चमन उजाड़ता चला गया.
कुछ अलग था तो बस इतना ही,
के इस बार मेरे चमन की बारी थी.

भागता रहा मैं बिखरे फुलों के पीछे
समेटता रहा मैं एक एक तिनका
हर कोशिश नाकाम रही क्यूंकि…..
अब वहां चमन नही श्मशान था

राज के हरकतों से तंग आ गया हूँ

राज के हरकतों से तंग आ गया हूँ और अब मुह से भड़ास निकलने का दिल भी नहीं होता मेरा मतलब सीधा है भाइयों अब हमे भी एक बार हाथ साफ़ करने का अवसर मिलना चाहिए राज तो आये दिन हाथ साफ़ कर लेते है पर हम भी इंसान है हमारी भी कुछ भावनाए है ॥हमारा भी दिल करता है हाथ साफ़ करने का ।और राज से अच्छा विकल्प हो ही नहीं सकता !क्यों की भैया अपना तो ऐसा ही जो सोचा सो सोचा ..अब इंतज़ार है मौके का !ऐसी बात नहीं है की मैं अकेले हाथ साफ़ कर लूँगा ..मैं अपने सारे भाइयों को मौका दूंगा यार विस्वास करो मे लेकः हूँ नेता तो हूँ नहीं !!आज एक पूजा का आयोजन कर रहा हूँ जिससे भगवान् mujhe jaldi se जल्दी अवसर उपलब्धी कराये आप सभी आमंत्रित है !

संजय सेन सागर