अभिलेख

एक गरीब ब्लागर की आत्मकथा

संजय सेन सागर जी को बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ और खुद पर गर्व महसूस करता हूँ कि मुझे इस जिंदादिल इंसान का साथ मिला। मैने अपने दो साल इनके साथ बिताये और इन दो सालों में मैने अपनी जिदगीं में सबसे ज्यादा सीखा,संजय सेन सागर मुझ से उम्र में छोटे है ंऔर मुझे उनको अपना गुरू मानते हुए जरा भी शर्म या असुविधा महसूस नही होती। वह एक ऐसे व्यक्ति है जिनके लिए कुछ भी नामुमकिन नही है मैने जो देखा और समझा उसी के आधार पर मैं आपको संजय सेन सागर जी के बारे में बताना चाहूंगा।क्योंकि मुझे लगता है कि इनके बारे में जानकर लोगो का आगे बढने की प्रेरणा मिल सकती है।
जन्म और माता पिता
संजय सेन सागर जी का जन्म मध्यप्रदेश के सागर जिले में हुआ है इनके पिता एक सेलून चलाते है,जो घर के निर्वाह के लिए एकमात्र साधन है संजय जी की आयू अभी 20 साल है। लेकिन आपको बताना चाहूँगा कि यह हौसलों और सपनों से काफी अमीर इंसान है और मै अपने अनुभव के आधार पर यह कह सकता हूँ कि आगे चलकर यह बंदा बहुत आगे जाने बाला है,आज का दिन और तारीख लिख लें
शिक्षा
संजय सेन सागर जी ने बारहवी साइंस से की है लेकिन अभी यह बी.काम दितीय बर्ष के छात्र है,इनकी मंशा आगे जाकर मेडीकल लाइन में जाने की थी लेकिन कमबख्त इस क्षेत्र की पढाई महंगी होती है।

मुश्किल ब्लागिंग
मुझे आशा ही नही पूर्णविस्वास है की आपको यह जानकर हैरानी होगी कि संजय सेन के पास किसी भी प्रकार का इंटरनेट कनेक्शन नही है और वह ब्लागिंग के लिए इंटरनेट कैफे का उपयोग करते है जो की आसां बात नही है ।अब आप लोगो को खुद हिन्दुस्तान का दर्द की कीमत तय करनी होगी ।अगर मैं यह कहूं की इसे संजय जी ने अपने खून पसीने से सींचा हे तो कुछ गलत ना होगा। क्योकि हमारे पास पैसा,कम्प्यूटर,नैट कनेक्शन तो है लेकिन संजय सेन सागर जी जैसी जिंदादिली नही।
हिन्दुस्तान का दर्द एक नया कारवां
संजय जी का सर्वप्रथम ब्लॉग था यादों की किताब जहां से उन्होंने ब्लागिंग की सुरुआत की लेकिन कुछ दिनों के बाद उन्होने इसका दी एंड कर दिया क्योंकि वह तो देश और समाज के दर्द को व्यक्त करने के लिए एक मंच तैयार करना चाहते थे जो उन्होने हिन्दुस्तान का दर्द के नाम से हमारे समक्ष रखा हुआ है मैं ब्लागिंग नही जानता था और एक ब्लॉगर की बात को केबल एक ब्लॉगर ही समझ सकता हैइसलिए मै इनकी बातों को बेमन से सुना करता था। लेकिन संजय जी ने मुझे जब ब्लागिग सिखायी तो सच इस दुनिया में बहुत आनंद आया। हम सबका मंच ”हिन्दुस्तान का दर्द”

कामधंधा
संजय जी हिन्दुस्तान का दर्द और स्वंय के खर्चे को निकालने के लिए अपने भाई समान दोस्त की बर्तन की दुकान संभालते है और अभी एक अंग्रेजी सिखाने बाली संस्था का संचालन कर रहे है जो अभी संघर्ष की स्थिति में है।

लेखन कार्य
संजय जी के अवैतनिक लेख और कविताएँ दैनिक अखबारों में प्रकाशित होती रहती है और बेबजाल पर भी काफी रचनाये पडी जा सकती है।संजय जी अभी एक उपन्यास फाइट फार लव लिखने में व्यस्त है जो बहुत जल्द पूरा हो जाएगा और जब एक दिन उपन्यास के प्रकाशन के बारे में जब मैने जानना चाहा जो बह कहने लगे कि देखो किसी प्रकाशन का पसंद आया तो जरूर छप जायेगा।

फाइट फार नेशन का निर्माण
संजय जी ने हिन्दी की सेवा के उद्देश्य से फाइट फार नेशन नामक वेवसाइट का निर्माण किया है जिसका काम लगभग पूरा होने बाला है

संजय सेन जी बुदिधजीवी,यारों के यार,ईमानदार और एक जिदादिल इंसान है उनके साथ रहना और उन्हे जानना एक अलग अनुभव रहा। मैने सागर से इंजीनियरिंग की है इस बीच दो बर्षो तक उनसे मित्रता रही अब में भोपाल में हूँ उनसे दूर हूँ लेकिन हमेशा संपर्क में रहता हूँ
उनकी हौसलाअफजाई और उनका हर एक शब्द मुझ में एक नया जोश भरता है ।मैं संजय जी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ !
आशा है संजय जी के बारे में जानकर आपको अच्छा लगा होगा।
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