समाचार पत्र खुद अपनी ओर से आपके लेखन को नोटिस करें और प्रकाशित करने लगें तो निश्चय ही अच्छा लगता है। पिछले सप्ताह ही मेरे एक मित्र ने मुझे बधाई दी कि दैनिक अमर उजाला ने मेरे ब्लॉग पर प्रकाशित पोस्ट को जस-का-तस प्रकाशित कर दिया है। मैने तारीख जाननी चाही तो वह बोला – लगभग दस दिन पहले! मैं एक पब्लिक लायब्रेरी में गया जिसमें मैं पहले कभी नहीं गया था, बेतरतीब ढंग से पड़े अखवारों के ढेर में से अमर उजाला ढूंढे। जब खोज अन्ततः सफल हुई तो वहां व्यवस्थापक महोदय से प्रार्थना की कि उस पृष्ठ को ले जाने की अनुमति दें। उन्होंने कारण पूछा तो उस पृष्ठ पर प्रकाशित अपनी पोस्ट उनको दिखाई। पूरा आलेख पढ़ने के बाद उन्होंने बधाई दी और अखवार ले जाने की सहर्ष अनुमति दे दी!
Sushant K. Singhal
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